Dainik Jivan Me Roj Kya Karna Chahiye
Dainik Jivan Me Roj Kya Karna Chahiye |
अगर मन्त्र जाप की संख्या से इष्ट या गुरु हमपे प्रश्नन होते तो हर कोई आज साध्ना के उच्च शिखर पे विराजमान होता मूलतः मन्त्र की संख्या कभी ना देखो आप खास कर गुरु मन्त्र या इष्ट के मंत्र जाप में.या आप किसी महाविद्या के उपासक है तो. बस माला लीजिये आंखे बंद कीजिए उनका ध्यान कीजिये और पूर्ण एकाग्र हो के माला जपना शुरू कर दीजिए. ओर तब तक कीजिये जब तक आपका दिल कहे
.कहने का मतलब है प्रशन्नचित हो कर मन्त्र जाप करे.आज दिल खुश है मन प्रश्नन है समय भी है तो माला जाप में मन लग रहा है एकग्रता आ रही है तो आधे घण्टे एक घन्टा 2 घन्टा जितना है जपते जाओ मन्त्र.....बस ध्यान इष्ट पे रहे ....
ओर जिस दिन मन सही ना हो.या समय ना हो या किसी भी वजह से मन्त्र जाप करने का मन नही कर रहा है. उस दिन एक माला भी जाप कर के उठ जाओ. कभी भी माला की जाप संख्या में परो ही नही....बस प्रश्नन मन और दिल से जाप करो.गुरु और इष्ट की कृपा पाना है तो उनसे जुरो. उनसे बैठ के बाते करो...अच्छी बुरी जो भी दिन भर जो घटित हो अपनी समस्या से ले के अपनी खुशियां सब शेयर कीजिये. ओर विस्वास मानये जिसे दिन से आप ऐसा करने लगे ...उस दिन से आपका जुड़ाव आपका इष्ट ओर गुरु से होना शुरू हो जाएगा
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