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शनिवार, 13 मई 2023

Horror Story for kids | मुक्ति चुड़ैल की हिंदी कहानी

 Horror Story for kids | मुक्ति चुड़ैल की हिंदी कहानी

Horror Story for kids:- Bhoot Chudail या Ghost Real Story in Hindi और Horror Stories Real in Hindi आदि हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं। Bhoot pret ki sachi kahaniyan सबको आकर्षित करती है मुक्ति चुड़ैल की भी कुछ ऐसी ही रोमांचित डरावनी कहानी है। 

चंचल हमेशा शैतानियां करती रहती थी। खेल-कूद की शौकीन चंचल कभी इधर भागती कभी उधर भागती, बस उसे कोई पढ़ने को ना कहे, अगर किसी ने पढ़ने को कह दिया तो मानो उसकी जान ही मांग ली हो, उसे पढ़ना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था।

लेकिन चंचल चाहती थी कि वह हमेशा खेलती-कूदती रहे और उसकी मां उसे रोज़ शाम को पढ़ने के लिए बिठा देती थी। एक दिन चंचल अपना सबसे पसंदीदा खेल- खेल रही थी।

जैसे ही उसकी मां ने उसे पढ़ने को कहा वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई। उसने सोचा कि अगर वह घर की सारी किताबें जला दे तो उसकी प्रॉब्लम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

अगले दिन जब उसकी मां घर पर नहीं थी। चंचल ने सारी किताबों में आग लगा दी उस आग में एक लाल किताब भी थी। जैसे ही वह किताब जली, बिजली जोर-जोर से गढ़- गढ़आने लगी, तेज हवाएँ चलने लगी और अचानक से एक लपट बाहर निकली जो धीरे- धीरे एक औरत का रूप लेने लगी चंचल उसे देखकर बहुत ज्यादा डर गई।
तभी अचानक वहां पर उसकी मां आ गई और चंचल को एक थप्पड़ लगा दिया और चंचल की मां तुरंत उसे पूजा वाले कमरे में  ले गई।

मां ने चंचल को बताया कि जब वह लोग इस घर में आए थे, तब कुछ लोग कहते थे कि इस घर में एक चुड़ैल का साया है तो उन लोगों ने एक बड़े पुजारी को बुलाकर इस घर की पूजा कराई और उस पुजारी ने अपनी शक्ति से उस चुड़ैल के साए को इस किताब के अंदर कैद कर दिया, और बोला कि कभी भी इस किताब को कोई हाथ ना लगाएँ और अगर गलती से किसी ने इसे आग में डाल दिया तो यह चुड़ैल वापस आज़ाद हो जाएगी।

चंचल यह बात सुनकर डर गई और बोली “मां अब क्या करें?”

तब  मां ने बोला पुजारी जी ने उन्हें एक पवित्र जल दिया था कि अगर यह चुड़ैल कभी गलती से बाहर आ भी जाए तो इस जल को छिड़ककर उस चुड़ैल को फिर से कैद किया जा सकता है।

पर अब मुश्किल यह थी कि यह जल छिड़का कैसे जाएं? क्योंकि वह चुड़ैल काफी गुस्से में थी, क्योंकि उसे इतने लंबे समय तक के लिए इस किताब में बंद कर दिया था।

तभी अचानक वहां रोते बिलखते दो छोटे-छोटे बच्चे आ गए और वह चुड़ैल उन बच्चों के पास शांति से खड़ी थी। मां धीरे से कमरे से बाहर आई और उस चुड़ैल से बात करने की कोशिश करने लगी। जैसे उस चुड़ैल ने मां को देखा, वह चुड़ैल मां पर हमला करने के लिए भागी, मां के हाथ में वह पवित्र जल था।

उस जल को देखकर चुड़ैल डर गई और वहीं रुक गई और बोली, “मेरे पर यह जल मत डालो मेरे बच्चे फिर अकेले हो जाएंगे।” मां ने उस चुडेल को बड़े ध्यान से देखा और पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ था?

चुड़ैल बोली “मेरे पति ने मुझे वही जिंदा जला दिया था और मेरे बच्चे भूखे बिलखते रह गए और ऐसे ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया। बस अंतर इतना रहा कि मैं तो चुड़ैल बन गई और मेरे बच्चे भूत बन गए तब से हम यहीं रहते थे, पर 10 साल पहले तुम आए और तुम ने मुझे इस किताब में कैद कर दिया। आज मैं वापिस आज़ाद हुई हूं, मैं अपने बच्चों को वापिस अकेले नहीं छोड़ना चाहती हूं।”

मां सोचने लगी की अगर यह चुड़ैल ऐसे ही रही और लोगों को नुकसान पहुंचाएगी, तभी चुड़ैल बोली कि तुम हम पर जल मत डालो, हमें मुक्ति दिला दो फिर मां ने पूछा कि मैं तुम्हें मुक्ति कैसे दिला सकती हूं?

चुड़ैल बोली कि तुम इस घर के पीछे बाले नीम के पेड़ के नीचे एक हवन कराओ और मेरे और मेरे बच्चों की आत्मा की मुक्ति के लिए प्रार्थना करो।

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मां ने पूछा कि उस पेड़ के नीचे क्यों? चुड़ैल बोली कि मेरे पति ने मुझे यहीं जलाया था और अगर कोई उस पेड़ के नीचे हवन करता है और मेरी और मेरे बच्चों की मुक्ति की प्रार्थना करता है तो हमें मुक्ति मिल सकती है।

अगले दिन चंचल... ?? की मां ने वहां पर एक छोटा सा हवन कराया। जिसमें उन लोगों ने उस चुड़ैल और उसके बच्चों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करी इससे उस चुड़ैल और उसके बच्चों को मुक्ति मिल गई और वह हमेशा के लिए वहां से चले गए।

और चंचल को भी यह बात समझ आ गई कि हमें ऐसे सारी किताबें नहीं जलानी चाहिए और हमें पढ़ना भी चाहिए। जिससे हम अच्छे और समझदार इंसान बन सके।

Moral of the story in hindi :- कोई इंसान जन्म से बुरा नहीं होता, हालात उसे बुरा बना देते हैं। उसे अपने आपको सुधारने का मौका देना चाहिए।??

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