Urvashi Shabar Mantra Vidhi
उर्वशी अप्सरा शाबर मंत्र कैसे करे
साडी विधि मैंने अपने यूट्यूब चैनल में बताया है अगर वह पर आपको कोई मंत्र समझ नहीं आ रहा है तब आप यहाँ से मंत्र ले सकते है
मंत्र इस प्रकार है -ॐ नमो आदेश गुरु को आदेश ,गुरु जी के मुह में ब्रम्हा उनके मध्य में विष्णु और नीचे भगवान महेश्वर स्थापित है, उनके सारे शारीर में सर्व देव निवास करते है, उनको नमस्कार ! इंद्र की अप्सरा ,गन्धर्व कन्या उर्वर्शी को नमस्कार ! गंगान मंडल में घुंघरुओं की झंकार और पाताल में संगीत की लहर !
लहर में उर्वशी के चरण, चरण में थिरकन, थिरकन में सर्प, सर्प में कामवासना , कामवासना में कामदेव, कामदेव में भगवान शिव, भगवान शिव ने जमीन पर उर्वशी को उतारा, शमशान में धुनी जमाई,उर्वशी ने नृत्य किया,सात दीप नवखंड में फूल खिले डाली झूमि,पूर्व-पश्चिम ,उत्तर -दक्षिण ,आकाश -पातळ में सब मस्त भये!
मस्ती में एक ताल ,दो ताल,तीन ताल, मन में हिलोर उठी, हिलोर में उमंग, उमंग में ओज , ओज में सुंदरता, सुंदरता में चंद्रमुखी, चन्द्रमुखी में शीतलता , शीतलता मे सुगंध और सुगंध में मस्ती, यह मस्ती उर्वशी की मेरे मन भाई !
यह मस्ती मेरे सारे शरीर में अंग अंग में लहराई, उर्वशी इंद्र की सभा छोड़ मेरे पास आवे,मेरी प्रिया बने, हरदम मेरे साथ रहे ,मेरो कहियो करें , जो कहुँ सो पुरो करे,सोंचू तो हजार रहे, यदि ऐसा न करे तो दस अवतार की दुहाई, ग्यारह रूद्र की सौगंध, बारह सूर्य को वज्र तेंतीस कोटि देवी-देवताओं की आण !
Read More-
मेरो मन चढे, अप्सरा को मेरो जीवन उसके श्रृंगार को,मेरी आत्मा उसके रूप को, और में उसको, वह मेरे साथ रहे, धन, योवन ,संपत्ति , सुख दें, कहियो करे हुकुम मान, रूप यौवन भार से लदी मेरे सामने रहे,जो ऐसा न करे तो भगवान शिव को त्रिशूल और इंद्र को वज्र उस पर पड़े !”Urvashi Shabar Mantra Vidhi |
धन्यवाद्
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें