सनातन घड़ी
अति सुन्दर,सनातन घड़ी
12:00 बजने के स्थान पर आदित्य लिखा हुआ है जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं।
1:00 बजने के स्थान पर ईश्वर लिखा हुआ है इसका अर्थ यह है कि ईश्वर एक ही प्रकार का होता है। एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति।
2:00 बजने की स्थान पर पक्ष लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि पक्ष दो होते हैं 1 कृष्ण पक्ष औऱ दूसरा शुक्ल पक्ष।
3:00 बजने के स्थान पर अनादि तत्व लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अनादि तत्व 3 हैं। परमात्मा, जीवात्मा और प्रकृति ये तीनों तत्व अनादि है.
4:00 बजने के स्थान पर वेद लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं -- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
5:00 बजने के स्थान पर महाभूत लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य है कि महाभूत पांच प्रकार के होते हैं। पांच महाभूत हैं- सत्वगुण, रजगुण, कर्म, काल, स्वभाव"
6:00 बजने के स्थान पर दर्शन लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि दर्शन 6 प्रकार के होते हैं । छः दर्शन सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त के नाम से विदित है।
7:00 बजे के स्थान पर धातु लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि धातु 7 हैं। सात धातुओं के नाम
रस : प्लाज्मा
रक्त : खून (ब्लड)
मांस : मांसपेशियां
मेद : वसा (फैट)
अस्थि : हड्डियाँ
मज्जा : बोनमैरो
शुक्र : प्रजनन संबंधी ऊतक
8:00 बजने के स्थान पर अष्टांग योग लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि योग के आठ प्रकार होते है। योग के आठ अंग हैं: 1) यम, २) नियम, ३) आसन, ४) प्राणायाम, ५) प्रत्याहार, ६) धारणा ७) ध्यान ८) समाधि
9:00 बजने के स्थान पर अंक लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि अंक 9 प्रकार के होते हैं। 1 2 3 4 5 6 7 8 9
10:00 बजने के स्थान पर दिशाएं लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है।
11:00 बजने के स्थान पर उपनिषद लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि उपनिषद 11 प्रकार के होते हैं।
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